MA Semester-1 Sociology paper-II - Perspectives on Indian Society - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2682
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 समाजशास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र - भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य

प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।

उत्तर -

शिक्षा के सम्बन्ध में डॉ. अम्बेडकर ने 12-13 फरवरी 1938 ई. को मनमाड की एक सभा में कहा था कि, "विद्या एक तलवार है तथा यदि एक शिक्षित व्यक्ति में विनम्रता व सदाचार नहीं है, तो वह एक जंगली और दरिंदे से भी भयानक है। यदि एक पढ़े-लिखे मनुष्य की शिक्षा गरीब जनता की भलाई के लिये रुकावट बने तो ऐसा शिक्षित व्यक्ति समाज के लिए कलंक है, धिक्कार है ऐसे पढ़े-लिखे मनुष्य को।" उनका कथन था कि सामुदायिक उन्नति के लिये अच्छे नागरिकों का होना आवश्यक है और अच्छे नागरिक बनाना, शिक्षा का मूलभूत उद्देश्य है। उनका मानना था कि अस्पृश्यों के उद्धार का शिक्षा एक मार्ग है। अतएव बाबा साहब ने 1928 ई. में दलित विद्यार्थियों के लिए दो छात्रावास प्रारम्भ किए। उसी वर्ष उन्होंने 'डिप्रेस्ड क्लासेस एजूकेशन सोसायटी' की स्थापना की। यह संस्था पंजीकृत थी। उन्होंने प्रत्येक जिले में दलितों के लिए हाईस्कूल तक शिक्षा देने हेतु विद्यालय एवं छात्रावास स्थापित करने तथा उसमें मुफ्त आवास व भोजन की सुविधा देने का सुझाव दिया। उन्होंने मुम्बई में 1946 ई. में "पीपुल्स एजूकेशन सोसायटी" की स्थापना की तथा उसी के अन्तर्गत 20 जून 1946 ई. को सिद्धार्थ कॉलेज शुरू हुआ। 27 फरवरी 1927 ई. को डॉ. अम्बेडकर ने मुम्बई लेजिस्लेटिव कौंसिल में बजट पर बोलते हुए कहा था कि, "शिक्षा ऐसी वस्तु है जो प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचनी चाहिए। शिक्षा सस्ती से सस्ती हो ताकि निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी शिक्षा ग्रहण कर सके"। प्राथमिक शिक्षा पर उनका कहना था कि " प्राइमरी शिक्षा का उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी स्कूल में दाखिला ले और जब तक शिक्षित न हो जाए तब तक स्कूल न छोड़े। शिक्षा के स्वरूप के सम्बन्ध में उन्होंने 1942 ई. में यूनिवर्सिटी रिफार्म्स कमेटी को ज्ञापन दिया जिसमें कहा था कि "दलित जातियों के छात्रों के प्रति सहानुभूति प्रकट करें जिनके शिक्षा के द्वार बंद कर दिए गए थे।"

डॉ अम्बेडकर तकनीकी शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने वाले दलित छात्रों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु सरकार से माँग की। बाबा साहेब ने दलित विद्यार्थियों के अपने समजा की सेवा करने को कहा। जो लोग सरकारी नौकरी में चले गए हैं वे समाज के विकास के लिए अपनी कमाई का बीसवां भाग (5%) स्वेच्छा से दान करते हैं। तभी दलित समाज का उत्थान हो सकता है अन्यथा केवल उनका ही एक परिवार सुखी होगा। पीपुल्स एजूकेशन सोसायटी के अन्तर्गत अनुसूचित जातियों के शैक्षिक हितों के लिए बम्बई में केबा और अल्वर्ट नाम की दो इमारतें खरीदीं और उनका नया नाम क्रमशः बुद्ध भवन और आनन्द भवन रखा। इन्हीं में सिद्धार्थ कॉलेज समूह का संचालन किया गया। उन्हीं की प्रेरणा से सितम्बर 1951 * में औरंगाबाद में मिलिंद कॉलेज समूह का संचालन किया गया तथा अन्य कॉलेजों की भी स्थापना की गई।

डॉ. अम्बेडकर ने तथागत गौतम बुद्ध के बुद्ध, धम्मं एवं शरण गच्छामि को ही शिक्षित करो आन्दोलित करों और संगठित करो के रूप में परामदेश दिया। जिसके द्वारा स्वतन्त्रता, समता और बंधुत्व की प्राप्ति होती है। किन्तु यह कार्य करने को सबसे अधिक दायित्व पढ़े-लिखें बहुजन समाज के लोगों का है। यदि दलित समाज में जागरूकता लानी है तो उन्हें शिक्षित करना ही होगा अर्थात् गुलामों की गुलामी का अहसास कराना होगा ताकि वह अपने अधिकारों को पाने के लिए आन्दोलित हो सकें और यदि आन्दोलित हो गए तो संगठित होकर संघर्ष करने हेतु तैयार हो जाएंगे जिससे स्वतन्त्रता, समानता व बन्धुत्व पर आधारित समाज का निर्माण हो सकेगा।

इस प्रकार बाबा साहेब ने दलितों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार को व्यावहारिक रूप प्रदान किया। उन्होंने सरकार को दलितों की शैक्षणिक स्थिति को सुधारने हेतु अपने सुझावों में कहा कि, "जब तक प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य व बाध्यकारी नहीं बनाया जाता तथा दाखिले के निमय का कठोरता से पालन नहीं किया जाता, तब तक उनकी शैक्षणिक प्रगति के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ उत्पन्न नहीं होगी। इसी के साथ दलित जातियों को सरकारी नौकरियों में लिया जाए ताकि उनका शिक्षा के प्रति अनुराग बढ़े।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- लूई ड्यूमाँ और जी. एस. घुरिये द्वारा प्रतिपादित भारत विद्या आधारित परिप्रेक्ष्य के बीच अन्तर कीजिये।
  2. प्रश्न- भारत में धार्मिक एकीकरण को समझाइये। भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले चार लक्षण बताइये?
  3. प्रश्न- भारत में संयुक्त सांस्कृतिक वैधता परिलक्षित करने वाले लक्षण बताइये।
  4. प्रश्न- भारतीय संस्कृति के उन पहलुओं की विवेचना कीजिये जो इसमें अभिसरण. एवं एकीकरण लाने में सहायक हैं? प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये? समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये?
  5. प्रश्न- प्राचीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  6. प्रश्न- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  7. प्रश्न- आधुनिक भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  8. प्रश्न- समकालीन भारतीय संस्कृति की चार विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- भारतीय समाज के बाँधने वाले सम्पर्क सूत्र एवं तन्त्र की विवेचना कीजिए।
  10. प्रश्न- परम्परागत भारतीय समाज के विशिष्ट लक्षण एवं संरूपण क्या हैं?
  11. प्रश्न- विवाह के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की व्याख्या कीजिए।
  12. प्रश्न- पवित्रता और अपवित्रता के बारे में लुई ड्यूमा के विचारों की चर्चा कीजिये।
  13. प्रश्न- शास्त्रीय दृष्टिकोण का महत्व स्पष्ट कीजिये? क्षेत्राधारित दृष्टिकोण का क्या महत्व है? शास्त्रीय एवं क्षेत्राधारित दृष्टिकोणों में अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिये?
  14. प्रश्न- शास्त्रीय एवं क्षेत्राधारित दृष्टिकोणों में अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिये?
  15. प्रश्न- इण्डोलॉजी से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।.
  16. प्रश्न- भारतीय विद्या अभिगम की सीमाएँ क्या हैं?
  17. प्रश्न- प्रतीकात्मक स्वरूपों के समाजशास्त्र की व्याख्या कीजिए।
  18. प्रश्न- ग्रामीण-नगरीय सातव्य की अवधारणा की संक्षेप में विवेचना कीजिये।
  19. प्रश्न- विद्या अभिगमन से क्या अभिप्राय है?
  20. प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य से आप क्या समझते हैं? सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख 'विशेषतायें बतलाइये? प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये?
  21. प्रश्न- सामाजिक प्रकार्य की प्रमुख विशेषतायें बताइये?
  22. प्रश्न- प्रकार्यवाद की उपयोगिता का वर्णन कीजिये।
  23. प्रश्न- प्रकार्यवाद से आप क्या समझते हैं? प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये?
  24. प्रश्न- प्रकार्यवाद की प्रमुख सीमाओं का उल्लेख कीजिये।
  25. प्रश्न- दुर्खीम की प्रकार्यवाद की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये? दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये? मर्टन की प्रकार्यवाद की अवधारणा को समझाइये? प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
  26. प्रश्न- दुर्खीम के अनुसार, प्रकार्य की क्या विशेषतायें हैं, बताइये?
  27. प्रश्न- प्रकार्य एवं अकार्य में भेदों की विवेचना कीजिये?
  28. प्रश्न- "संरचनात्मक-प्रकार्यात्मक परिप्रेक्ष्य" को एम. एन. श्रीनिवास के योगदान को स्पष्ट कीजिये।
  29. प्रश्न- डॉ. एस.सी. दुबे के अनुसार ग्रामीण अध्ययनों में महत्व को दर्शाइए?
  30. प्रश्न- आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में एस सी दुबे के विचारों को व्यक्त कीजिए?
  31. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये।
  32. प्रश्न- एस.सी. दुबे का जीवन चित्रण प्रस्तुत कीजिये व उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिये।
  33. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे के अनुसार वृहत परम्पराओं का अर्थ स्पष्ट कीजिए?
  34. प्रश्न- डॉ. एस. सी. दुबे द्वारा रचित परम्पराओं की आलोचनात्मक दृष्टिकोण व्यक्त कीजिए?
  35. प्रश्न- एस. सी. दुबे के शामीर पेट गाँव का परिचय दीजिए?
  36. प्रश्न- संरचनात्मक प्रकार्यात्मक विश्लेषण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  37. प्रश्न- बृजराज चौहान (बी. आर. चौहान) के विषय में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में बताइए।
  38. प्रश्न- एम. एन श्रीनिवास के जीवन चित्रण को प्रस्तुत कीजिये।
  39. प्रश्न- बी.आर.चौहान की पुस्तक का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- "राणावतों की सादणी" ग्राम का परिचय दीजिये।
  41. प्रश्न- बृज राज चौहान का जीवन परिचय, योगदान ओर कृतियों का उल्लेख कीजिये।
  42. प्रश्न- मार्क्स के 'वर्ग संघर्ष' के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये? संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
  43. प्रश्न- संघर्ष के समाजशास्त्र को मार्क्स ने क्या योगदान दिया?
  44. प्रश्न- मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' से आप क्या समझते हैं? मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
  45. प्रश्न- मार्क्स के 'द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद' की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
  46. प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- ए. आर. देसाई का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य में क्या योगदान है?
  48. प्रश्न- ए. आर. देसाई द्वारा वर्णित राष्ट्रीय आन्दोलन का मार्क्सवादी स्वरूप स्पष्ट करें।
  49. प्रश्न- डी. पी. मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
  50. प्रश्न- द्वन्द्वात्मक परिप्रेक्ष्य क्या है?
  51. प्रश्न- मुकर्जी ने परम्पराओं का विरोध क्यों किया?
  52. प्रश्न- परम्पराओं में कौन-कौन से निहित तत्त्व है?
  53. प्रश्न- परम्पराओं में परस्पर संघर्ष क्यों होता हैं?
  54. प्रश्न- भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक सांस्कृतिक समन्वय कैसे हुआ?
  55. प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या है?
  56. प्रश्न- मार्क्स और हीगल के द्वन्द्ववाद की तुलना कीजिए।
  57. प्रश्न- राधाकमल मुकर्जी का मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य क्या है?
  58. प्रश्न- मार्क्सवादी परिप्रेक्ष्य की प्रमुख मान्यताएँ क्या हैं?
  59. प्रश्न- रामकृष्ण मुखर्जी के विषय में संक्षेप में बताइए।
  60. प्रश्न- सभ्यता से आप क्या समझते हैं? एन.के. बोस तथा सुरजीत सिन्हा का भारतीय समाज परिप्रेक्ष्य में सभ्यता का वर्णन करें।
  61. प्रश्न- सुरजीत सिन्हा का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृतियाँ बताइये।
  62. प्रश्न- एन. के. बोस का जीवन चित्रण एवं प्रमुख कृत्तियाँ बताइये।
  63. प्रश्न- सभ्यतावादी परिप्रेक्ष्य में एन०के० बोस के विचारों का विवेचन कीजिए।
  64. प्रश्न- सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  65. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- भारतीय समाज को समझने में बी आर अम्बेडकर के "सबआल्टर्न" परिप्रेक्ष्य की विवेचना कीजिये।
  67. प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किये गये धार्मिक कार्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिये।
  68. प्रश्न- दलितोत्थान हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए शैक्षिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिये।
  69. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए : (1) दलितों की आर्थिक स्थिति (2) दलितों की राजनैतिक स्थिति (3) दलितों की संवैधानिक स्थिति।
  70. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर का जीवन परिचय दीजिये।
  71. प्रश्न- डॉ. अम्बेडर की दलितोद्धार के प्रति यथार्थवाद दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन का आधीनस्थ या दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के वैचारिक स्वरूप एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।
  73. प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के माध्यम से अध्ययन किए गए देवी आन्दोलन का स्वरूप स्पष्ट करें।
  74. प्रश्न- हार्डीमैन द्वारा दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य से अपने अध्ययन का विषय बनाये गए देवी 'आन्दोलन के परिणामों पर प्रकाश डालें।
  75. प्रश्न- डेविड हार्डीमैन के दलितोद्धार परिप्रेक्ष्य के योगदान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
  76. प्रश्न- अम्बेडकर के सामाजिक चिन्तन के मुख्य विषय को समझाइये।
  77. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  78. प्रश्न- डॉ. अम्बेडकर के विचारों एवं कार्यों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिए।

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